स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए आज कई विकल्प मौजूद हैं, जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड, और ETF। इनमें से ETF (Exchange-Traded Fund) एक ऐसा टूल है जो पिछले कुछ सालों में भारतीय निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है।
तो दोस्तों इस आर्टिकल में हम ETF की पूरी जानकारी जानेंगे जैसे की, ईटीएफ क्या है? ईटीएफ के प्रकार, What is etf in hindi, Types of etf in india, How to invest in etf (ईटीएफ में निवेश कैसे करें?), etf examples, Top etf in india की लिस्ट इत्यादी।
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ईटीएफ क्या है? - What Is ETF In Hindi
ETF का पूरा नाम Exchange Traded Fund है। यह एक प्रकार का फंड होता है जो स्टॉक एक्सचेंज (NSE या BSE) पर शेयरों की तरह ही ट्रेड किया जाता है। ईटीएफ को आप एक "बास्केट" समझ सकते हैं, जिसमें कई अलग-अलग शेयर, बॉन्ड, कमोडिटीज (सोना, चांदी), या अन्य एसेट्स शामिल होते हैं।
Example: अगर कोई ETF निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करता है, तो उसमें निफ्टी 50 में लिस्टेड सभी 50 कंपनियों के शेयर होंगे।
यह ईटीएफ, म्यूचुअल फंड और शेयर दोनों के फीचर्स को मिलाकर बनाया गया है। यह डायवर्सिफाइड (विविध) निवेश का फायदा देता है और साथ ही इसे रीयल-टाइम में खरीदा-बेचा जा सकता है।
ETF का मतलब - ETF Meaning In Hindi
ETF का मतलब "एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड" होता है। यहां "एक्सचेंज-ट्रेडेड" का अर्थ है कि इसे स्टॉक मार्केट के एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जाता है, जबकि "फंड" का मतलब है कि यह कई निवेशकों के पैसे को पूल करके एक साथ अलग-अलग एसेट्स में निवेश करता है।
सरल भाषा में: ETF एक ऐसा फंड है जो किसी इंडेक्स, कमोडिटी, या सेक्टर का अनुसरण करता है और शेयर बाजार में सामान्य स्टॉक की तरह ट्रेड होता है।
ETF कैसे काम करता है? - How Do ETFs Work?
ETF के काम करने का तरीका थोड़ा टेक्निकल है, लेकिन इसे सरल चरणों में समझा जा सकता है:
1. क्रिएशन और रिडेम्पशन प्रोसेस:
- ETF को बनाने (Create) और भुनाने (Redeem) का काम Authorized Participants (APs) करते हैं, जो बड़े फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस होते हैं।
- APs, ETF यूनिट्स के बदले में इंडेक्स के शेयर जमा करते हैं या फंड से शेयर निकालते हैं।
2. ट्रेडिंग:
- एक बार ETF बन जाने के बाद, इसे स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जा सकता है।
- ईटीएफ का प्राइस पूरे दिन बदलता रहता है, जो उसके अंदर मौजूद एसेट्स के मूल्य पर निर्भर करता है।
3. इंडेक्स ट्रैकिंग:
ज्यादातर ETF किसी इंडेक्स (जैसे निफ्टी 50, सेंसेक्स) को ट्रैक करते हैं। इसका मतलब है कि ईटीएफ का प्रदर्शन उस इंडेक्स के प्रदर्शन से मेल खाता है।
ईटीएफ के प्रकार - Types Of ETF In India
भारतीय बाजार में निवेशकों के लिए कई प्रकार के ETF उपलब्ध हैं। यहां मुख्य प्रकारों की लिस्ट दी गई है:
1. Index ETF:
- यह ईटीएफ किसी स्टॉक मार्केट इंडेक्स (जैसे निफ्टी 50, बैंक निफ्टी) को ट्रैक करते हैं।
- ETF Examples: SBI ETF Nifty 50, HDFC Sensex ETF, Nippon Nifty 50 ETF.
2. Gold ETF:
- यह ईटीएफ सोने की कीमतों से जुड़े होते हैं। हर यूनिट का मूल्य 1 ग्राम सोने के भाव से लिंक होता है।
- ETF Examples: Nippon India ETF Gold BeES, UTI Gold ETF, SBI Gold ETF.
3. Sectoral ETF:
- यह ईटीएफ किसी खास सेक्टर (जैसे IT, बैंकिंग, एनर्जी, फार्मा) में निवेश करते हैं।
- ETF Examples: ICICI Prudential IT ETF, Nippon Nifty Bank ETF,
4. International ETF:
यह ईटीएफ विदेशी इंडेक्स (जैसे NASDAQ, S&P 500) को ट्रैक करते हैं।
ETF Examples: Motilal Oswal NASDAQ 100 ETF, Nippon Hang Seng ETF, Mirae Asset NYSE FANG+ ETF.
5. Bond ETF:
- यह ईटीएफ सरकारी या कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश करते हैं।
- ETF Examples: Bharat Bond ETF.
6 Commodity ETF:
- कमोडिटी स्टॉक ईटीएफ कमोडिटी उत्पादकों के शेयरों में निवेश करता है, जबकि कमोडिटी ईटीएफ Gold, Silver या Oil जैसी कमोडिटीज के प्राइस मूवमेंट को भी ट्रैक करता है।
- ETF Examples: ICICI Prudential Nifty Commodities ETF, Nippon Silver ETF.
ईटीएफ में निवेश कैसे करें? - How To Invest In ETF?
ईटीएफ में निवेश करना शेयर खरीदने जितना ही आसान है। यहां स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दी गई है:
1. डीमैट अकाउंट खोलें:
ETF खरीदने के लिए आपको एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होगी। Zerodha, Upstox, या Angel Broking जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अकाउंट खोल सकते हैं।
2. सही ईटीएफ चुनें:
अपने फाइनेंशियल गोल्स और रिस्क टॉलरेंस के हिसाब से ETF सिलेक्ट करें।
3. ऑर्डर प्लेस करें:
ट्रेडिंग ऐप या ब्रोकर के माध्यम से ETF यूनिट्स को खरीदें/बेचें।
4. SIP के जरिए निवेश:
कुछ ETF में SIP (Systematic Investment Plan) की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां आप हर महीने एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं।
ईटीएफ में निवेश के फायदे - Benefits Of Investing In ETF
- डायवर्सिफिकेशन: एक ही ईटीएफ में कई शेयर/एसेट्स होने से रिस्क कम होता है।
- लो कॉस्ट: ETF का Expense Ratio म्यूचुअल फंड की तुलना में कम होता है।
- लिक्विडिटी: इन्हें मार्केट टाइमिंग में कभी भी खरीदा-बेचा जा सकता है।
- ट्रांसपेरेंसी: ETF हर दिन अपने होल्डिंग्स डिस्क्लोज करते हैं।
- टैक्स एफिशिएंसी: कुछ ETF में टैक्स बचत का फायदा मिलता है (जैसे Equity ETFs पर LTCG टैक्स 10% होता है)।
ईटीएफ के जोखिम - Risks Of ETF
हालांकि ETF सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन कुछ जोखिम भी हैं:
- मार्केट रिस्क: इंडेक्स के गिरने पर ETF का मूल्य भी घटेगा।
- ट्रैकिंग एरर: कभी-कभी ETF अपने इंडेक्स को सही से ट्रैक नहीं कर पाता।
- लिक्विडिटी रिस्क: कम ट्रेड वाले ETF को बेचने में दिक्कत हो सकती है।
- करेंसी रिस्क: इंटरनेशनल ETF में करेंसी के उतार-चढ़ाव का असर होता है।
ईटीएफ खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
- एक्सपेंस रेशियो: जितना कम, उतना बेहतर।
- ट्रैकिंग एरर: 1% से कम होना चाहिए।
- लिक्विडिटी: रोजाना की ट्रेड वॉल्यूम चेक करें।
- इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव: अपने लक्ष्य के हिसाब से ETF चुनें।
Best ETF In India
2025 में भारत के कुछ बेस्ट ETF इस प्रकार हैं:
- SBI ETF Nifty 50
- HDFC Sensex ETF
- Motilal Oswal NASDAQ 100 ETF
- Nippon India ETF Gold BeES
- UTI Nifty Next 50 ETF
- Mirae Asset Nifty 50 ETF
- Kotak NV20 ETF
- ICICI Prudential Nifty 50 ETF
- SBI Nifty Next 50 ETF
- Nippon India ETF Nifty Midcap 150
- Nippon India ETF Nifty PSU Bank BeES
- NIFTYBEES
- BANKBEES
Difference Between ETF & Stock In Hindi - ईटीएफ और स्टॉक में अंतर
ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) और Stock (शेयर) दोनों ही निवेश के लोकप्रिय विकल्प हैं, लेकिन इनमें कई बुनियादी अंतर होते हैं। ETF और स्टॉक दोनों के अपने फायदे हैं। यदि आप जोखिम कम करके विविध पोर्टफोलियो चाहते हैं, तो ETF बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर किसी विशेष कंपनी में भरोसा है, तो स्टॉक्स सीधा निवेश देते हैं। अपने फाइनेंसियल गोल और रिस्क टॉलरेंस के हिसाब से चुनाव करें।
ETF vs Stock: यदि आप शुरुआती निवेशक हैं या इनके बीच कंफ्यूज हैं, तो निचे दिए गए मुख्य पॉइंट्स को समझिए:
- निवेश का प्रकार: स्टॉक किसी एक कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने जैसा है, जबकि ETF एक फंड होता है जो इंडेक्स, सेक्टर या एसेट्स के ग्रुप को ट्रैक करता है। ETF में एक साथ कई कंपनियों या एसेट्स में निवेश होता है।
- विविधीकरण (Diversification): ETF स्वतः ही विविधीकरण प्रदान करते हैं, क्योंकि वे कई एसेट्स का समूह होते हैं। वहीं, स्टॉक में आपको अलग-अलग कंपनियों के शेयर खरीदकर ही डायवर्सिफाई करना पड़ता है।
- जोखिम का स्तर: स्टॉक में जोखिम अधिक होता है, क्योंकि प्रदर्शन सिर्फ एक कंपनी पर निर्भर करता है। ETF में जोखिम कम होता है, क्योंकि नुकसान एक्सपोजर कई एसेट्स में बंट जाता है।
- खर्च और फीस: ETF में एक्सपेंस रेशियो (मैनेजमेंट फीस) लागू होती है, जबकि स्टॉक खरीदने-बेचने में केवल ब्रोकरेज और टैक्स चार्ज होते हैं।
- ट्रेडिंग फ्लेक्सिबिलिटी: दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर रियल-टाइम ट्रेड होते हैं, लेकिन ETF को इंट्राडे में NAV (नेट एसेट वैल्यू) से अलग प्राइस पर भी खरीदा जा सकता है।
- लॉन्ग-टर्म vs शॉर्ट-टर्म: स्टॉक्स अक्सर लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए चुने जाते हैं, जबकि ETF मार्केट ट्रेंड्स या सेक्टर-स्पेसिफिक एक्सपोजर के लिए फ्लेक्सिबल होते हैं।
यह भी पढ़े:
1. Bonds क्या है? Types Of Bonds In Hindi
2. What Is Debentures In Hindi
3. What Is Mutual Fund In Hindi & Types
4. शेयर मार्केट ( Stock Market) कैसे सीखे?
ईटीएफ निवेश से जुड़े कुछ सवाल-जवाब: FAQs
1. ईटीएफ में निवेश के लिए न्यूनतम रकम कितनी है?
ईटीएफ की एक यूनिट की कीमत पर निर्भर करता है। कुछ ETF ₹100 प्रति यूनिट से भी शुरू होते हैं।
2. क्या ईटीएफ में डिविडेंड मिलता है?
हां, अगर ETF में शामिल कंपनियां डिविडेंड देती हैं, तो उसे पास-थ्रू के रूप में निवेशकों को दिया जाता है।
3. ईटीएफ के लिए कौन-सा प्लेटफॉर्म बेस्ट है?
Zerodha, Angel Broking, Groww, और Upstox जैसे प्लेटफॉर्म्स पर ETF खरीदे जा सकते हैं।
4. ईटीएफ में टैक्स कैसे लगता है?
Equity ETF पर LTCG (लॉन्ग-टर्म) 10% (₹1 लाख से अधिक लाभ पर), और STCG 15%.
Conclusion:
ETF नए और एक्सपीरियंस्ड दोनों तरह के निवेशकों के लिए एक फ्लेक्सिबल और किफायती निवेश विकल्प है। यह डायवर्सिफिकेशन, लो कॉस्ट, और लिक्विडिटी का फायदा देता है। हालांकि, ईटीएफ में निवेश से पहले उसके एक्सपेंस रेशियो, ट्रैकिंग एरर, और अपने फाइनेंशियल गोल्स को जरूर चेक करें। अगर आप लॉन्ग-टर्म में मार्केट के साथ रिटर्न पाना चाहते हैं, तो ETF एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
तो दोस्तों यह थी ETF की जानकारी, जिसमे हमने ETF क्या है? ETF के प्रकार, What is etf in hindi, Types of etf in india इत्यादी के बारे में जाना। यदि ETF से जुड़े कोई सवाल हों, तो हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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