इस पोस्ट में हम journal entry के बारे में जानेंगे जैसे की, Journal Entry in Hindi, जर्नल एंट्री क्या है, Entry Format, Journal entries कैसे की जाती है, Journal entries rules in hindi, Journal entries examples in hindi, इत्यादी।
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Journal Entry Meaning In Hindi - जर्नल एंट्री का अर्थ
जर्नल एंट्री को हिंदी में “रोजनामचा” कहा जाता है। रोजनामचा यह शब्द रोज+नामचा इन दो शब्दों से बना है, इसमे रोज का अर्थ प्रतिदिन से है और नामचा अर्थ दर्ज करना यानि लिखने से है।
What Is Journal Entry In Hindi - जर्नल एंट्री क्या है?
Journal entry को रोजनामचा कहा जाता है, इसका अर्थ प्रत्येक दिन के लेखा को दर्ज करना या लिखना होता है। दुसरे शब्दों में कहे तो व्यवसाय या व्यापार के लेनदेनों को तिथि के अनुसार लिखना इसे ही जर्नल एंट्री कहते है।
किसी भी व्यापार या व्यवसाय में रोज कुछ न कुछ व्यावसायिक घटनाएँ होती रहती है और व्यापार को सुचारू रूप से और अच्छी तरह से चलाने के लिए इन व्यावसायिक घटनाओं को या घटनाक्रमों को तिथिनुसार लिखे जाने की क्रिया को journal entry कहते है।
जर्नल एंट्री करने का नमूना - Journal Entry Format
रोजनामचा या जर्नल एंट्री फॉरमेट में पहला कॉलम Date(तिथि), दूसरा Particulars(विवरण), तिसरा Ledger Folio (खाता पृष्ठ संख्या), चौथा Amount Debit (राशी ऋण ) और पाँचवा Amount Credit (राशी धनी) इस प्रकार के पाँच कॉलम होते हैं। इन पाँचों कॉलम की जानकारी हम निचे जानते है।
1. Date - तिथि
यह जर्नल एंट्री का पहला column है, इस खाने में जिस तारीख में लेनदेन यानि transaction हो रहे है उस तिथि को लिखा जाता है। इस कॉलम में सबसे उपर year यानि साल लिखना होता है, फिर उसके निचे महिना और लेनदेन की डेट लिखी जाती है।
2. Particulars - विवरण
Journal entry का दूसरा महत्वपूर्ण कॉलम विवरण का है, इसमे प्रभावित खातों के नाम दो लाइन में लिखे जाते हैं। एक खाते में Debit और दुसरे खाते को Credit किया जाता है।
पहली लाइन में debit किये जाने वाले खाते को लिखा जाता है और उसके सामने “Dr” शब्द का प्रयोग किया जाता है। और क्रेडिट किये जाने वाले खाते का नाम दूसरी लाइन में लिखा जाता है और इस खाते के नाम से पहले “To” इस शब्द को लिखा जाता है।
3. Ledger Folio Number - खाता पृष्ठ संख्या
Ledger Folio Number यह जर्नल का तिसरा खाना(कॉलम) है, इस column को short में L.F ऐसा लिखा जाता है। यह कॉलम ledger से संबंधित होता है इस खाने में उस page number को लिखा जाता है, जिस पेज पर उस particular account की ledger posting की गयी है।
जैसे की एक example देखते है, Furniture A/c में कोई posting करते हैं जिसका ledger पेज नंबर 7 पर तैयार किया गया है, तो हम जर्नल एंट्री में Furniture A/c के आगे Ledger Folio Number के column में 7 यह अंक लिख देंगे।
4. Amount Debit
जर्नल एंट्री का चौथा कॉलम अमाउंट डेबिट का है, इस कॉलम में debit की जाने वाली राशी को लिखा जाता है।
5. Amount Credit
Journal entry के Amount credit के पाचवे कॉलम में क्रेडिट की जाने वाली राशी को प्रविष्ट किया जाता है।
Journal Entries Rules In Hindi - जर्नल एंट्री के नियम
जर्नल एंट्री करना यह कोई मुश्किल काम नही होता, इसके लिए सिर्फ़ कुछ नियमों के बारे में जानना जरूरी होता है। इसके लिए जर्नल एंट्री के क्या rules है यह हम निचे जानते है।
1. Personal Account - व्यक्तिगत खाता
इसके अंतर्गत किसी भी व्यक्ति का नाम, संस्था या किसी भी कंपनी का नाम इत्यादी के नाम से खाते खोले जाते हैं, उसेही पर्सनल अकाउंट कहते है | अगर आपको कुछ मिलता है, तो खाते को डेबिट करना होता है और अगर आप कुछ देते हैं, तो खाते में क्रेडिट करें।
जैसे की डेबिट द रिसीवर के rules के नुसार, हम कोई व्यक्ति, संस्था या फिर किसी भी कंपनी को कोई भी अमाउंट का माल देते है, उस व्यक्ति के खाते को डेबिट किया जाता है। इसका हम एक उदाहरण देखते है,
Example 1: मान लीजिये कि, आपने किसी XYZ कंपनी से 1,000 रूपये का माल खरीदा हैं। तो आपको अपनी पुस्तकों में इसकी entry इस तरह करनी चाहिए।
XYZ कंपनी से 1000 रूपये का माल ख़रीदा,
Account | Debit | Credit |
---|---|---|
Purchase A/C | 1000 | |
XYZ कंपनी A/C | 1000 |
Example 2: मान लीजिये कि आपने XYZ कंपनी को कार्यालय आपूर्ति के लिए 500/- नकद का भुगतान किया है। तो आपको रिसीवर को डेबिट करना होगा और अपने (दाता के) नकद खाते को क्रेडिट करना होगा।
Account | Debit | Credit |
---|---|---|
Supplies Account | 500 | |
Cash Account | 500 |
2. Real Account - वास्तविक खाता
Real Account या वास्तविक खातों को स्थायी खातों के रूप में भी जाना जाता है। एक वास्तविक खाता एक परिसंपत्ति खाता, देयता खाता या इक्विटी खाता हो सकता है।
Debit what comes in and credit what goes out यानि इस खाते के अंतर्गत जो आता है उसे डेबिट करें और जो बाहर जाता है उसे क्रेडिट करना होता है। वास्तविक खाते वर्ष के अंत में क्लोज नहीं होते हैं, बल्कि उनके शेष को अगली लेखा अवधि में ले जाया जाता है।
एक वास्तविक खाते के साथ, जब आपके व्यवसाय में कुछ आता है तो खाते को डेबिट करें। और जब आपके व्यवसाय से कोई संपत्ति बाहर हो जाती है, तो खाते को क्रेडिट करना होता है।
Journal entry Example: जैसे की, आपने 3,500/- का नकद में फर्नीचर खरीदा है। तो अपने फ़र्नीचर खाते को डेबिट करें (जो आता है) और अपने नकद खाते (जो बाहर जाता है) को क्रेडिट करें।
Account | Debit | Credit |
---|---|---|
Furniture A/C | 3000 | |
Cash Account | 3000 |
3. Nominal account - नाममात्र खाता
जो खाते व्यापारिक की आय, व्यय या हानि, लाभ इत्यादी को दर्शाते है, उसे nominal account या अवास्तविक खाता कहा जाता है। इस प्रकार के खाते में हम Debit expenses and losses के नियम के बारे में जानते है। इसमे हमे सभी एक्स्पेंसेस और लॉस के खाते को डेबिट करना होता है।
Example 1: आप किसी कंपनी से 3,500/- का सामान खरीदते हैं। लेन-देन को रिकॉर्ड करने के लिए, आपको व्यय (3,000 खरीद) को डेबिट करना होगा और आय को क्रेडिट करना होगा।
Account | Debit | Credit |
---|---|---|
Purchase Account | 3500 | |
Cash Account | 3500 |
Example 2. Credit the all incomes के नियम के अनुसार सभी आय और लाभ के खाते को credit किया जाता है। जैसे की किसी की जरिये हमे 10000/- कमीशन के मिले है तो इसकी एंट्री इस तरह की जाती है-
Account | Debit | Credit |
---|---|---|
Cash Account | 10000 | |
To Commission A/c | 10000 |
इस तरह से आपको जर्नल एंट्री के रूल्स के बारे में काफ़ी जानकारी मिली होंगी।
यह भी पढ़े:
1. Types of bank accounts - बैंक खाते के प्रकार
2. बैंक चेक के प्रकार, चेक के बारे में जानकारी
3. इंटरनेट बैंकिंग की पूरी जानकरी
FAQs For Journal Entry In Hindi
जर्नल एंट्री को हिंदी में क्या कहते है?
जर्नल एंट्री को हिंदी में “रोजनामचा” कहते है।
जर्नल एंट्री क्या है?
Journal entry को रोजनामचा कहा जाता है यानि व्यापार या व्यवसाय के प्रत्येक दिन के लेखा को तिथिनुसार दर्ज करना या लिखना होता है।
Journal entry के कितने rules(नियम) है?
व्यक्तिगत खाता, वास्तविक खाता, और नाममात्र खाता यह जर्नल एंट्री के तीन नियम है।
जर्नल एंट्री के format में कितने column होते है?
जर्नल एंट्री या रोजनामचा के फॉरमेट में पहला कॉलम Date, दूसरा Particulars(विवरण), तिसरा Ledger Folio (खाता पृष्ठ संख्या), चौथा Amount Debit (राशी ऋण ) और पाँचवा Amount Credit (राशी धनी) इस प्रकार के पाँच कॉलम होते हैं।
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