What Is Commercial Bank In Hindi, कमर्शियल बैंक क्या है?: कमर्शियल बैंक या वाणिज्यिक बैंक यह एक वित्तीय संस्था है जो लोगों के धन को जमा के रूप में स्वीकार करती है और ग्राहकों को आवश्यकता पड़ने पर या व्यवसाय के लिए लोन भी देती है।
Commercial Banks कई प्रकार के कार्य करती है जैसे की लोगों के धन को अपने जमा के रूप में स्वीकार करना, जब लोगों को जरूरत पड़ती तब उन्हें Loan देना, साख निर्माण का कार्य, एजेंसी कार्य और कई प्रकार की सामान्य सेवाएँ जैसे काम करती है।
तो आगे हम वाणिज्यिक याने कमर्शियल बैंक क्या है, Function of commercial bank in hindi, वाणिज्यिक बैंकों के कार्य, Types of commercial bank in hindi, वाणिज्यिक बैंकों का वर्गीकरण, इत्यादी के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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What Is Commercial Bank In Hindi - कमर्शियल बैंक क्या है?
कमर्शियल बैंक उन बैंकों को कहा जाता है जो धन जमा करना या व्यापार-व्यवसाय के लिए ऋण देना, जैसी कार्य करती है। यह बैंक देश के Financial Institution System याने वित्तीय संस्थान प्रणाली का एक प्रमुख हिस्सा है।
कमर्शियल बैंकों का मुख्य उद्देश्य इंटरेस्ट, कमीशन इत्यादी के रूप में लाभ कमाना होता है। यह बैंक जनता के धन को स्वीकार करते है और उद्यमियों, व्यवसायियों या फिर किसी व्यक्तियों को जरूरत पड़ने पर लोन भी देते है।
इन सभी कमर्शियल बैंक के कार्य, RBI (Reserve Bank of India) भारतीय रिजर्व बैंक जो एक Central bank है, उसके द्वारा नियंत्रित किये जाते है।
Commercial Bank Meaning In Hindi: कमर्शियल बैंक को हिंदी में वाणिज्यिक बैंक, व्यावसायिक बैंक या व्यापारिक बैंक भी कहते है।
Function Of Commercial Bank In Hindi - वाणिज्यिक बैंकों के कार्य
वाणिज्यिक बैंकों के कार्य को मुख्य कार्य, गौण कार्य और सामाजिक कार्य इन तीन प्रकार के कार्यों में विभाजित किया गया है। तो पहले हम व्यापारिक बैंक के मुख्य कार्यो के बारे में जानेंगे।
A. वाणिज्यिक बैंकों के मुख्य कार्य
कमर्शियल बैंक याने वाणिज्यिक बैंकों के मुख्य कार्य में जमा स्वीकार करना और ऋण देना यह दो प्रमुख काम होते है। इन दो मुख्य कार्यो का सविस्तर विश्लेषण नीचे दिया है:
1. Accepting Deposits - जमा धन स्वीकार करना
वाणिज्यिक बैंक लोगों के धन को जमा के रूप में स्वीकार करता है और इससे ग्राहकों का धन भी सुरक्षित रहता है। और लोग अपनी अपनी आवश्यकताओं और आर्थिक परिस्थिति के अनुसार नीचे दिए गये अकाउंट में पैसे जमा कर सकते है।
- Current deposit account
- Savings deposit account
- Fixed deposit account
- Recurring deposit account
- Home safe savings account
इन सब बैंक खाते के प्रकार के बारे में आगे जानेंगे:
➧ Current Deposit Account - चालू जमा खाता
ज्यादातर व्यापारी वर्ग, उद्योगपति जैसे लोग चालू जमा खाता खुलवाते है और उस खाते में पैसे जमा करते है। चालू जमा खाते मे जमाकर्ता को यह सुविधा दी जाती है की, वह जितनी बार चाहे खाते में पैसे जमा कर सकता है या कभी आवश्यकता पड़ने पर खाते में से पैसे निकाल भी सकता है।
इस प्रकार के खाते में से हमेशा Cheque Book द्वारा ही पैसे निकाले जाते है और खातेदार का हिसाब बैंक ही रखता है। भारत में कुछ बैंक इस प्रकार के खाते पर 0.5% ब्याज़ देती है।
➧ Savings Deposit Account - बचत जमा खाता
अक्सर लोग बचत जमा खाता यह खाता बचत कराने के लिए खुलवाते है। इस प्रकार का खाता छोटी राशी की बचत करने वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह अकाउंट मध्यम वर्ग के लिए फ़ायदेमंद है। बचत खाते में ग्राहक जितनी बार चाहे पैसे जमा कर सकता है लेकिन वह कभी भी इस खाते में से पैसे नही निकाल सकता है।
Savings Deposit Account से निश्चित मात्रा तक ही पैसे निकाले जा सकते है और ग्राहक को अधिक मात्रा में पैसे निकालने है, तो इसके बारे में उसे बैंक में पहले ही सूचना देनी होती है। बैंक बचत खाते पर इंटरेस्ट भी देता है लेकिन वह ब्याज़ दर निश्चितकालीन या सावधि जमा खाते से कम होता है।
➧ Fixed or Timed deposit account - सावधि जमा खाता
निश्चितकालीन जमा खाते में धन को एक निश्चित समय के लिए जमा किया जाता है। और जमाकर्ता यह राशी अवधि पूरा होने पर ही निकाल सकता है, समय पूरा होने के पहले वह पैसे नही निकाल सकता है। अगर वह समय पूरा होने के पहले पैसे निकालना चाहता है तो उसे ब्याज़ नही मिलता या फ़िर उसपर उन्हें ब्याज़ कम भी मिल सकता है।
बैंक जमाकर्ता को पैसे जमा करने के बाद एक रसीद देता है और उसपर जमाकर्ता का नाम, जमा की गयी धन की राशी और तारीख, ब्याज़ दर, और जमा की अवधि के बारे में लिखा हुआ होता है। इस खाते के अंतर्गत जमा की गयी राशी का कालावधि जितना ज्यादा होंगा ब्याज़ दर भी उतना ही ज्यादा होंगा।
➧ Recurring Deposit Account - आवर्ती जमा खाता
Depositor या जमाकर्ता आवर्ती जमा खाते में एक निश्चित समय के लिए हर महीने एक निश्चित राशी जमा करता है। जमाकर्ता इस प्रकार के खाते से जमा की गयी राशी समय के पहले नही निकाल सकता। और जमा राशी पर जो कुछ भी इंटरेस्ट मिलता है वह उसके खाते में जमा होता है।
➧ Home Safe Savings Account - होम सेफ बचत खाता
होम सेफ बचत खाते के अंतर्गत कुछ बैंक ग्राहकों को या जमाकर्ता को घर पर धन जमा करने के लिए एक तिजोरी या फिर गुल्लक उसे ताला लगाकर देती है और उसकी चावी अपने पास ही रखते है। जमाकर्ता अपनी छोटी-छोटी सेविंग को उस तिजोरी में जमा करता रहता है।
कस्टमर्स उन तिजोरी या गुल्लक में पैसा जमा करते है। और कुछ समय बाद जमाकर्ता ख़ुद उस तिजोरी या गुल्लक को बैंक में जाकर उस गुल्लक को खोलकर उसमे जमा किये गये पैसों को अपने अकाउंट में जमा कर देते है। जमा किये गये राशी पर उन्हें ब्याज़ भी मिलता है।
2. Advancing Loans - ऋण देना
दोस्तों उपर हमने देखा ही है की Commercial Banks के मुख्य कार्य में पहला कार्य जमा धन स्वीकार करना है और इसका दूसरा कार्य है लोगों को पैसे उधार देना यानि ऋण (loan) देना है। यह बैंक व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्योगपतियों, व्यापारियों को लोन देती है और उस लोन पर निश्चित ब्याज वसूल कर करके लाभ कमाती है।
बैंक एक सुरक्षित साख (Secured Credit) और दूसरा असुरक्षित साख (Unsecured Credit) इन दो प्रकार के ऋण प्रदान करती है।
ऋण देना इस कार्य के अंतर्गत Overdraft, Cash credit, Loans and advances, Investments in government securities इत्यादी जैसे कार्य आते है तो इन सब के बारे में नीचे विस्तारित रूप से जानेंगे:
➧ Overdraft - अधिविकर्ष
What is over draft: जमाकर्ता अपने जमा पूंजी से बैंक से ज्यादा पैसा निकालता है उसेही Over Draft कहते है। बैंक में जिन ग्राहकों का चालू जमा खाता होता है, वह ग्राहक एक समझोते के अनुसार अपनी जमाराशि से अधिक धन या पैसा निकालने का अधिकार ले लेते है। यह सुविधा बैंक अपने विश्वसनीय ग्राहकों को ही देती है।
➧ Cash Credit - नकद जमा
What is cash credit: इस प्रकार के लोन के अंतर्गत ग्राहक को एक निश्चित जमानत के आधार पर निश्चित जमाराशि निकालने का अधिकार मिलता है। यह ऋण एक साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए दिया जाता है और किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है। इस पर इंटरेस्ट रेट बहुत कम होता है और निकली गयी रकम पर ही इंटररेस्ट देना होता है।
➧ Loans & Advances - ऋण और अग्रिम
What is loans and advances: इस प्रकार के ऋणों को एक निश्चित रक्कम या धन के रूप में दिया जाता है। ग्राहक के अकाउंट में बैंक एक निश्चित रकम को एक साथ जमा कर देती है। इस खाते में लोन को एक्सेप्ट करने के तुरंत बाद ही इंटरेस्ट लगना शुरू हो जाता है।
➧ Investments In Government Securities
सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश: ऋण देने के इस प्रकार के कार्य में सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करना यह भी बैंक का एक महत्वपूर्ण काम है। सरकारी प्रतिभूतियों में जोखिम कम होने के कारण बैंक सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदना अच्छा समझती है। बैंक सरकारी प्रतिभूतियों को स्वीकार करने के लिए उन्हें पैसे उधार या लोन भी दे सकती है।
B. वाणिज्यिक बैंकों के गौण कार्य
कमर्शियल बैंक याने वाणिज्यिक बैंक कोन-कोनसे गौण कार्य करती है यह हम नीचे जानेंगे:
- बैंक अपने कस्टमर्स से विभिन्न पदों का जैसे की, Cheque, Interest इत्यादी का एकत्रीकरण करता है या उनका भुगतान भी करता है।
- बैंक ग्राहकों को Locker की सुविधा भी प्रोवाइड कर देती है। जिसमे ग्राहक अपने महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स या जेवर उन लॉकर में सुरक्षित रख सकते है।
- Commercial Bank यह विदेशी विनिमय का क्रय-विक्रय करके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने का काम करती है। व्यापारिक बैंक विदेशी व्यापार को करने के लिए विदेशी चेक, ड्राफ्ट इत्यादी को स्वीकार करती है।
- बैंक अपने कस्टमर्स को व्यापारिक सूचनायें या आकडे एकत्रित करके उन्हें वित्तीय मामलों में सलाह देने का भी काम करती है।
- ग्राहकों के कहने पर बैंक उनकी संपत्ति के ट्रस्टी या प्रबंधक के रूप में भी कार्य करती है।
C. वाणिज्यिक बैंकों के सामाजिक कार्य
- व्यापारिक बैंक आज के समय में पूंजी निर्माण करने का कार्य बड़ी सुगमता से कर रही है।
- वाणिज्यिक बैंक बेरोजगार लोगों को उचित ब्याज़ पर लोन देकर स्वरोजगार की व्यवस्था में भी मदद करती है।
- बैंक द्वारा इंटरेस्ट रेट इस प्रकार निश्चित किया जाता है की जिससे उद्यमियों या निवेशकर्ताओं को निवेश की प्रेरणा मिल सके।
कमर्शियल बैंक के प्रकार - Types Of Commercial Banks
Types of Commercial Banks in Hindi: कॉमर्शियल बैंकों कों 4 भागों में विभाजित किया गया हैं। इसमे निम्नलिखित चार वाणिज्यिक बैंकों के प्रकार आते है:
- सार्वजानिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Bank)
- निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Bank)
- विदेशी बैंक (Private Sector Foreign Bank)
- ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक (Regional Rural Bank)
सार्वजानिक क्षेत्र के बैंक (PSB):
सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक (PSB) वह बैंक है जिसका अधिकांश स्वामित्व भारत सरकार के पास होता है, Public Sector Bank (PSB) को सरकारी बैंक भी कहा जाता है।
निजी क्षेत्र के बैंक:
निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Indian Bank) वह बैंक हैं जिस बैंक की अधिकांश इक्विटी निजी संस्थाओं के पास होती है, न कि सरकार के पास। भारत के कुछ सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक इत्यादी शामिल हैं।
विदेशी बैंक:
विदेशी बैंक (Private Sector Foreign Bank) वह बैंक है जिसका मुख्यालय भारत के बाहर है, परन्तु भारत के भीतर एक निजी संस्था के रूप में कार्य करता है, और भारतीय रिजर्व बैंक और उसके मूल संगठन दोनों के नियमों का पालन करता है।
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB):
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks) भारत के सरकारी स्वामित्व वाले Scheduled commercial bank हैं जो भारत के विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय स्तर पर कार्य करते हैं।
वाणिज्यिक बैंकों का वर्गीकरण
Classification of Commercial Banks: वाणिज्यिक बैंकों को Scheduled commercial bank यानि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक और Non scheduled commercial banks यानि गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक इन दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक को Private sector banks, Public sector banks और Foreign bank इन तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है।
Commercial Bank List - Commercial Banks In India
व्यावसायिक बैंक लिस्ट: दोस्तों भारत में कुछ Commercial bank/वाणिज्यिक बैंक है जिसकी लिस्ट नीचे दी गयी है:
- SBI - State Bank of India
- HDFC Bank
- Axis Bank
- ICICI Bank
- IndusInd Bank
- Kotak Mahindra Bank
- Bank of Baroda
- Industrial Development Bank of India - IDBI Bank
- YES Bank
- PNB - Punjab National Bank
See Also:
1. Types of Bank Accounts - बैंक खाते के प्रकार
2. HDFC Bank की पूरी जानकारी.
3. ICICI Bank की पूरी जानकारी
4. Canara Bank की पूरी जानकारी हिंदी में
FAQs For Commercial Bank In Hindi
1. वाणिज्यिक बैंक के सिद्धांत क्या हैं?
वाणिज्यिक बैंक सुरक्षा, लाभप्रदता, तरलता और सामाजिक कल्याण के सिद्धांतों के आधार पर काम करते हैं। ये बैंक वित्तीय संस्थान हैं जो जमा स्वीकार करते हैं, ऋण प्रदान करते हैं और भुगतान की सुविधा प्रदान करते हैं।
2. कमर्शियल बैंक को हिंदी में क्या कहते है?
कमर्शियल बैंक को हिंदी में वाणिज्यिक बैंक, व्यावसायिक बैंक या व्यापारिक बैंक भी कहते है।
3. कमर्शियल बैंक या वाणिज्यिक बैंक क्या है?
कमर्शियल बैंक उन बैंकों को कहा जाता है जो धन जमा करना या व्यापार-व्यवसाय के लिए ऋण देना, जैसी सर्विस प्रदान करती है।
4. वाणिज्यिक बैंकों के कितने प्रकार है?
सार्वजानिक क्षेत्र बैंक, निजी क्षेत्र बैंक, विदेशी बैंक, और ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक (आरआरबी) ये चार वाणिज्यिक बैंकों के प्रकार है।
तो दोस्तों आशा करते है की, आपको कमर्शियल बैंक क्या है, व्यावसायिक बैंक के कार्य, Functions of commercial bank in hindi, वाणिज्यिक बैंकों का वर्गीकरण किन श्रेणियों में किया है? Commercial Banks in India इनके बारे में पूरी जानकारी मिली होंगी। यह पोस्ट अच्छी लगी तो, हमे कमैंट्स करके बताये और अपने दोस्तों में जरुर शेयर करें।